Author

सुप्रसिद्ध कवि, लेखक, शायर, गीतकार, अन्तर्राष्ट्रीय कमेंटेटर, ब्रॉडकास्टर, श्री इकराम राजस्थानी ने संसार में पहली बार पवित्र कुरान शरीफ का राजस्थानी और हिंदी भाषा में काव्यात्मक भावानुवाद किया और उसका लोकार्पण तत्कालीन राष्ट्रपति महोदय डॉ शंकर दयाल शर्मा द्वारा राष्ट्रपति भवन दिल्ली में किया गया। उन्होंने गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की नोबल पुरस्कार प्राप्त कृति “गीतांजलि” का भी राजस्थानी भाषा में, दोहा शैली में, अनुवाद किया जिसका विमोचन बंगाल की मुख्यमंत्री महोदया सुश्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के अशोक हॉल में किया। ये कृति राष्ट्रपति महोदय माननीय प्रणब मुखर्जी को भी भेंट की गईं । श्री इकराम राजस्थानी ने प्रसिद्ध कवि श्री हरिवंशराय बच्चन जी की कालजयी रचना ‘मधुशाला’ का अनुवाद राजस्थानी भाषा मे कर सदी के महानायक और उनके सुपुत्र श्री अमिताभ बच्चन को भेंट की। उन्होंने हज़रत शेख सादी की जग प्रसिद्ध पुस्तक ‘गुलिस्तां’ का राजस्थानी भाषा मे प्रथम बार अनुवाद किया, जिसे केंद्रीय साहित्य अकादमी दिल्ली ने प्रकाशित किया । भारत सरकार के सँस्कृति मंत्रालय ने श्री इकराम राजस्थानी को “सीनीयर सूफ़ी फेलोशिप” से सम्मानित किया। साथ ही वे सूफ़ी कल्चरल विंग के प्रेसिडेंट हैं। आकाशवाणी के स्टेशन डायरेक्टर के पद से सेवा मुक्त, श्री इकराम राजस्थानी महाकवि बिहारी, लासा कौल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ सद्भावना जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में उनके अनेक प्रकाशन, एवं रेडियो, दूरदर्शन पर निरंतर प्रसारण होते रहते हैं । इस समय श्री इकराम राजस्थानी भगवत गीता और उपनिषद के हिंदी राजस्थानी काव्यात्मक भावानुवाद में व्यस्त हैं ।

Ikram Rajasthani

सुप्रसिद्ध कवि, लेखक, शायर, गीतकार, अन्तर्राष्ट्रीय कमेंटेटर, ब्रॉडकास्टर, श्री इकराम राजस्थानी ने संसार में पहली बार पवित्र कुरान शरीफ का राजस्थानी और हिंदी भाषा में काव्यात्मक भावानुवाद किया और उसका लोकार्पण तत्कालीन राष्ट्रपति महोदय डॉ शंकर दयाल शर्मा द्वारा राष्ट्रपति भवन दिल्ली में किया गया। उन्होंने गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर की नोबल पुरस्कार प्राप्त कृति "गीतांजलि" का भी राजस्थानी भाषा में, दोहा शैली में, अनुवाद किया जिसका विमोचन बंगाल की मुख्यमंत्री महोदया सुश्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के अशोक हॉल में किया। ये कृति राष्ट्रपति महोदय माननीय प्रणब मुखर्जी को भी भेंट की गईं । श्री इकराम राजस्थानी ने प्रसिद्ध कवि श्री हरिवंशराय बच्चन जी की कालजयी रचना 'मधुशाला' का अनुवाद राजस्थानी भाषा मे कर सदी के महानायक और उनके सुपुत्र श्री अमिताभ बच्चन को भेंट की। उन्होंने हज़रत शेख सादी की जग प्रसिद्ध पुस्तक 'गुलिस्तां' का राजस्थानी भाषा मे प्रथम बार अनुवाद किया, जिसे केंद्रीय साहित्य अकादमी दिल्ली ने प्रकाशित किया । भारत सरकार के सँस्कृति मंत्रालय ने श्री इकराम राजस्थानी को "सीनीयर सूफ़ी फेलोशिप" से सम्मानित किया। साथ ही वे सूफ़ी कल्चरल विंग के प्रेसिडेंट हैं। आकाशवाणी के स्टेशन डायरेक्टर के पद से सेवा मुक्त, श्री इकराम राजस्थानी महाकवि बिहारी, लासा कौल राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ सद्भावना जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में उनके अनेक प्रकाशन, एवं रेडियो, दूरदर्शन पर निरंतर प्रसारण होते रहते हैं । इस समय श्री इकराम राजस्थानी भगवत गीता और उपनिषद के हिंदी राजस्थानी काव्यात्मक भावानुवाद में व्यस्त हैं ।

Author's books